मुँहासे (Acne & Pimples)
पिंपल्स (Acne & Pimples) "जिसे हम आम भाषा में मुंहासे भी कहते हैं" एक सामान्य त्वचा समस्या है, जो खासकर किशोरों और युवाओं में अधिक देखने को मिलती है। हालांकि यह किसी भी उम्र में हो सकते हैं, लेकिन यह अधिकतर हार्मोनल बदलावों के कारण होते हैं। पिंपल्स मुख्य रूप से चेहरे, गर्दन, पीठ और छाती पर होते हैं। आइए जानते हैं पिंपल्स के बारे में विस्तार से।
पिंपल्स (Acne & Pimples) के कारण
हॉर्मोनल चेंज : इस कारण से पिंपल्स बढ़ सकती हैं हार्मोनल असंतुलन किशोरावस्था, गर्भावस्था या मासिक धर्म के समय के यह आमतौर पर अधिकतर तेल ग्रंथियों के सक्रिय होने की वजह से होता है, जिससे त्वचा पर अधिक तेल (सीबम) का निर्माण होता है और पोर (रंध्र) बंद हो जाते हैं, जिससे पिंपल्स होते हैं।
अनहेल्दी डाइट: तली हुई और मसालेदार चीज़ें, चॉकलेट, जंक फूड, और चीनी का अधिक सेवन पिंपल्स की समस्या को बढ़ा सकता है। यह अतिरिक्त तेल का उत्पादन त्वचा में करते हैं।
तनाव: तनाव पिंपल्स का कारण बन सकता है। आपका शरीर जब तनाव में रहता है तब अधिक कोर्टिसोल हार्मोन (तनाव हार्मोन) बनाता है जिससे त्वचा की तेल ग्रंथियों को उत्तेजित होता है।
स्वच्छता की कमी: अगर चेहरे को ठीक से साफ नहीं किया जाता है, तो गंदगी, बैक्टीरिया और मृत कोशिकाएँ त्वचा के छिद्रों में जमा हो जाती हैं, जिससे पिंपल्स हो सकते हैं।
कॉस्मेटिक्स का अधिक उपयोग: अत्यधिक मेकअप या स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल पिंपल्स को जन्म दे सकता है। कुछ उत्पाद त्वचा के छिद्रों को बंद कर सकते हैं और त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं।
पिंपल्स के प्रकार
ब्लैकहेड्स (Blackheads): छोटे, काले धब्बे होते हैं, जो तेल और मृत कोशिकाओं के जमा होने से बनते हैं, जो छिद्रों में होते हैं।
व्हाइटहेड्स (Whiteheads): यह पिंपल्स की छोटी गांठ होती है जो त्वचा के नीचे होती है और बाहर की ओर नहीं दिखाई देती।
पिंपल्स (Pimples): जब ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स में बैक्टीरिया मिल जाता है, तब वहाँ सूजन और लालिमा के साथ पिंपल्स बन जाते हैं।
सिस्टिक एक्ने (Cystic Acne): यह गहरे, बड़े, दर्दनाक गांठ होते हैं जो त्वचा के अंदर होते हैं और कभी-कभी इनसे निशान भी बन सकते हैं।
घरेलू उपचार
2. जायफल को कच्चे गोदुग्ध में किसी पत्थर पर घिस लें, इतना कि मुँह पर लेप हो जाये। मुँह पर लेप करने के बाद थोड़ी देर सूखने दें। फिर हाथ से रगड़कर उबटन की तरह छुड़ा लें। फिर गुनगुने पानी से धोकर पोंछ लें। दिन में दो बार यह क्रिया करने से दो-तीन दिन में ही मुँहासे दूर होकर मुँहासों के काले दाग-धब्बे मिट जाते हैं और चेहरा निखरता है। चाहे तो जायफल को कच्चे दूध में घिसकर रात सोते समय मुँहासों और काले धब्बों पर लेप करें और प्रातः धो डालें। इससे भी दो-चार सप्ताह में कील, मुँहासे और काले दाग मिटकर मुखमण्डल निखर उठता है।
3. जैतून का तेल नियमित रूप से लगाने से अनेक प्रकार के मुँहासे व फुन्सियाँ ठीक हो जाती है। साथ ही त्वचा पर मुँहासों, फुन्सियों के दाग और निशान भी मिटा देता है।
4. सुबह दातुन करते समय दातुन (नाम की हो तो उत्तम है) के नर्म कूचे को मुँहासों पर फेरने से मुँहासे साफ हो जाते हैं और फिर कभी नहीं निकलते ।
5. नीम के पेड़ की छाल अन्दर की तरफ से चन्दन की तरह पानी में घिसकर लेप करने से मुँहासे बैठ जाते हैं।
👇 ध्यान देने योग्य बातें 👇
- मुँहासों को फोड़ना या नोचना नहीं चाहिए। इससे वे और भी ज्यादा फैलते हैं और त्वचा में स्थायी दाग पड़ जाते हैं।
- उपरोक्त प्रयोग से पहले चेहरे को पानी की भाप से साफ कर लें तो शीघ्र लाभ होगा।
- कब्ज न होने दें।

